nathi nonsense
कहकशाँ (Milkyway)
कहकशाँ- Milkyway
मजमुआ- Collection
आजमाइशों- Experiences
हर इंसान महज़ एक इंसान नहीं है, उसके अंदर एक कहकशाँ है जो एक मजमुआ है आजमाइशों का आजमाइश जब उसने आँख खोली इस दुनिया में पहली बार तब मिली थी, आजमाइश जो उसे अपने पिता की उंगली पकड़कर चलते वक्त मिली थी, आजमाइश वो भी जब उसने खुद को पिघलता पाया था उस सावन की ठंडी हवा में और जब कोई उसे छोड़ कर गया था और जब वो पहाड़ों में बैठा था और सुकून महसूस कर रहा था वो भी आजमाइश थी ये मजमुआ बढ़ता रहता है ये कहकशां हर पल बढ़ता रहता है अभी भी बढ़ रहा है जब मैं ये लिख रहा हूं मन में बोल रहा हूं गुनगुना रहा हूं ये कहकशाएं नदी जैसे होते हैं वो जो कभी रुकते नहीं थमते नहीं बस बहते रहते हैं! बढ़ते रहते हैं! ~मुसाफ़िर
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