nathi nonsense
An Unknown Girl
चेहरे पे आता कोहरा इठलाती बाहें संदल सी खुश्बू अन-कही सी कहानी चले भूली-बिसरी यादे पले आँखों पे छा जाती गरमाहट सायो पे ठीठुलती आहट गुनगुनाती झिलमिलाती जेसे कोई ग़ज़ल होठो पे आता कोई गुरुर बदलता रूप का जैसे कोई मौसम पिघलता मुस्कुराता जैसे कोई आलम दिल-दिमाग की मसलेहत मधम मधम हौले हौले जलती आवारगी सवरती ताजगी हवाओ में उड़ती मेरे अलफ़ाज़ में पिघलती जेसे नज़्म तुम बाते इत्र इत्र सी नीम्-बाज़ आँखों पे आती ख़ामोशी मधम सा मुस्कुराता इक साया चाँद की पेशानी पर टंगी हुयी आवाज़ नजरो की सराफत में गुनगुनाता इक कबूतर नज़रों में जेसे कोई लम्हे टिके हो जेसे पेड़ो से उतरता हो कोई हर्फ़ पत्ता ~ अजय वैद्य
तन्हा सफ़र

तनहा सफ़र है आकाश जैसे अपना घर हो ज़मीन अपनी नींद हो हवा अपनी ओट हो प्यास-पानी दिल की मेहरबानी रास्तो के इस मंज़र में भीड़-भाड़ सी इस बस्ती में आवाज़ में छुपे धनक को उजालो में बसे फलक को आओ ढूंढें खुदको सबको लगे हम प्यारे सांसो में सांसे हो रंग-फिजा खुश्बू तिश्नगी हो ~अजय वैद्य
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